सोचिये तो छोटी सी बात है. किसी दिन किसी विषय को ले कर मंथन कर जाना और शब्दों को पीरा एक कथन कह जाना ही हम ब्लोगरों की आदत होती है. और जब वह कही हुई बात को कोई सैकड़ों ख्यालों से चुन कर एक जगह सजा देता हैं, तो खुशियों से भर जाते हैं हम. हाँ एक पोस्ट हमने लिखी थी और indiblogger के एडिटर साहेब ने उनका उल्लेख अपनी Indiblogger Weekly Digest में कर दिया तो हम खुशियों से झूम उठे.… शुक्रिया साहब.....
and mentioned on
बहुत खूब ! लिखते रहें.
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