आज चौपाल में काफी रौनक थी. गाँव के एक एक सदस्य अचानक चौपाल में आये इस रौनक कों ले काफी खुश थे. और खुश हों भी क्यूँ ना, पहली बार गाँव में वाद-विवाद का प्रतियोगिता जो हों रही थी. सोनी टीवी पर नया कार्यक्रम जो आ रहा था “लव मैरेज : अर्रेंज मैरेज”. गाँव पर हमारी बिजली नही पहुची थी, कहते हैं सरकारी बिजली की रफ़्तार बड़ी धीमी होती है. पर इतनी धीमी होंगी सोचा ना था. गाँव के कच्चे रास्ते के किनारे बिजली की पोस्ट लगवायी थी सरकार ने, निक्कर पहन कर हम बगल में बस्ता दबाए उस पर चलते चलते इतने बड़े हों कि अब वही खेल मेरे बेटे खेलते हैं. अलसाई सी सरकारी लेम्प पोस्ट आज भी वही पडी है. अब ऐसे अलसाये पोस्ट पे बिजली क्या आये. खैर, छोडिये सरकारी काम काज का क्या. बिजली नहीं है गाँव में पर सोनी तों क्या हर चेनेल हमे मिलती है और इन्वेर्टर और जेनेरेटर के बदौलत लोग खेलकूद और गपियाने से अच्छा एकता कपूर के सास-बहु के कार्यक्रम में व्यस्त हों गए है.
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स्टेज पर उद्घोषिका भी सज धज के पहुच गयी थी. उनके आमंत्रण पर मुखिया जी दो शब्द कहने आये. कहने लगे : “सभी श्रोता गन का आभार इहवाँ आने का और सोनी टिभी वालो का भी की ई गाँव में मेला सजा दिए परतीयोगिता लगाये के. हमो सोच रहे थे कि ई कवन विषय पे मार होने लगा रे भई? वियाह तों वियाह है, वियाह तों हमारे ज़माने में होता रहा. वियाह के वखत तक तों चुन्मुनिया के माँई तों देखबे नहीं कि रही. देखी तब जब घुंघटा हम उठाये रतिया कों. तब से ले कर आजतक सात कों नान-बार (बच्चे) सहित चुन्मुनिया के माई संग वियाह बरकरार हई. आज कल जईसन थोड़े ना. खुदे लड़का लड़की एक दूसरे से मिले, वियाह के लिए राजी तों चट मंगनी पट शादी. और तों और पट से टूटियो जाए. अब कवन सही आवुर कवन गलत चल आज सब लोग मिल के देख लेते है. चलिए तों प्रोग्राम आगे बढ़ाया जाए और हम जा के बैठ के सुने नया जमाना...धन्यवाद”