बच्चे का जन्म होना और फिर
पहले कदम का लेना, दीवारों के सहारे या कभी उनके चाहने वालों के हाथ थामे एक एक
कदम बढ़ा कर चलना सीखना. खड़े होने की कोशिश, चलने की प्रयाश हैं ना एक सुखद अनुभव.
एक अनुभव जो उसके चाहने वाले के दिमाग में शायद जन्म भर रह जाती है. ऐसा ही कुछ
सुखद सी अनुभव आज मुझे हों रही है. आज के दिन ही शब्दों के दुनिया में एक पृष्ठ
जन्मा था “चौपाल”. आज चौपाल की प्रथम जन्मदिवस है. आज चौपाल एक साल का हुआ. चौपाल
का जन्म हर बच्चे के जन्म के तरह ही हुआ जहाँ बीज हमने बोया था पर एक-एक शब्दों का
शृजन का श्रेय कहीं और नहीं Zin कों ही जाता हैं. Zin ही प्रेरणा थी चौपाल के जन्म का, Zin ही श्रोत हैं भावनाओ के
जन्म का. Zin से ही जुडी कई बाते हैं. शुक्रगुज़ार हूँ ईश्वर का, सुप्त पड़े अपने एक बड़े
हिस्से कों जिन्हें मैं कभी समझ ही नहीं पाया था उन्हें Zin ने उसकाया और बढ़ावा दिया.
आज आपके सामने अपने भावनावों कों रख पाने की हिम्मत कर पता हूँ... शुक्रिया Zin....
Zin श्रेय थी शब्दों कों हलक से बाहर निकालने की तों http://www.indiblogger.in कों श्रेय दूँगा, जिनके
चलते अपने आप परखने का साहस कर पाया. ना केवल ये साईट मेरी पहली साईट थी जहाँ अपने
चिट्ठों कों सजा सका बल्कि पहली बार किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने की हिमाकत
कर सका. और पहले ही बार जीत गया. यूं समझिए की बच्चे ने कदम रखना सीखा ही था कि थामने
के लिए पास एक दिवार मिल गयी और थाम कर खड़ा हों गया. पहले बार की जीत की खुशी तों
है ही पर इस बात की खुशी ज्यादा हुई कि खुद कों एक अदना लेखक सा महसूस कर सका..
अपने आप का परिचय एक नए तरीके से कर पाया ...शुक्रिया http://www.indiblogger.in for making me
believe in myself….
चौपाल शायद एक चिठ्ठे के
तरह जन्म लेता और एक चिठ्ठे की मौत पा जाता, पर नहीं, साल भर में कई लोगों ने सराहा.
अपने शब्द छोड़ एक प्रतिक्रिया के रूप में छोड़ गए. हाँ आज भी कम लोग हैं पढ़ने वालों
के लिस्ट में, पर मैं जानता हूँ यदि लिखने
कि गुणवत्ता बढ़ा सकू, उन्हें और ढंग से सजा सकू शायद और लोग पसंद कर जाए..पर एक एक
प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत मायने रखती है और आप लोगों का यहाँ आना ही मेरे लिए बहुत
है... शुक्रिया दोस्तों...आपके एक एक शब्दों का मैं आभारी रहूँगा...और आपके
आशीर्वाद चाहूँगा अपने चौपाल के लिए....
यदि हों सके तों जब कभी दुआ
में हाथ आपके उठे, एक दुआ करे कि ZIN, जो चौपाल कि जननी
है, वो हमेशा खुश रहे और दुनिया कि सारी खुशियाँ उन्हें मिले...Amin!!!!!!!!!
१०/५/२०१२
ZIN....
आज तुम्हारे लिखे
कुछ शब्दों की चाहत है
अपने शब्दों कों
उन्मुक्त कर
आज तुम पहली बार अपने
चौपाल
कों सजा जाओ....
शुक्रिया शब्दों कों सजाने की हिम्मत
मुझे देने के लिए
Congratulations!!! Wish you many more years to come...
ReplyDeletejivan ke vibhinna anubhavon se sajii ,hanste muskurate khazanoo ko samete,,dukh or kasht ko bant te youn hi zndagi ka daman thamen shaath chaleen aap....
ReplyDeleteor ye chupal zindagi ko youn thame rehne ko lalait kerti rahe....
wish your blog become older n older n older n older........"iski bhi safeed dadhi ho....tute dantt hon,,,or dadaji ki tarhaa ye bhi apni javani ki kahani apnee bachoon ko sunaye....""" wish you a very happy b'day...many many more yrs to come.........