शायद बात बहुत बड़ी
नहीं है, पर एक ब्लॉगर के लिए बहुत मायने रखता है, जब ब्लॉग से निकल कर आपकी
रचनायें कहीं और प्रकाशित होती हैं. BlogAdda में linked मेरी एक रचना...Read More... : की फर्क पेंदा है : गर नन्हें फरिस्तों का खून हुआ है
छोटी सी बात हैं
पर खुशियाँ बड़ी दे गयी...
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लिखना कभी मेरी चाहत न थी..कोशिश की कभी जुर्रत न थी
शब्दों के कुछ फेर की कोशिश ---यूं कोई सराह गया कि
लिखना अब हमारी लत बन गयी...
-------- दो शब्द ही सही,, आपके शब्द कोई और करिश्मा दिखा जाए--- Leave your comments please.