Dec 24, 2014

खुशियाँ...

खुशियाँ, बड़ी अजीब होती है,
बडे बडे डब्बों में
ढेर सारी खुशियाँ मांगो
ठेंगा दिखा कर हंस देती हैं.
पूछो तो कहेंगी
बडे लालची हो...
एक ही बार में
इतनी सारी माँगते हो.
तुम क्या जहाँ में एक हो?
हम क्या सिर्फ तुम्हारे लिए हैं?
चलो हटो,
बड़ी-बड़ी डब्बों में
हमे, हम से न मांगो....

देख कर ठेंगा उनका
खुशियों की नन्ही नन्ही
थैलीयों की दरख्वास्त
हमने खुशियो से  लगायी.
कुछ तुम्हारे सपनो से
कुछ तुम्हारी चाहतों से
कुछ तुम्हारी इछावों से
लम्हे चुरा कर हमने
नन्ही नन्ही थैलियाँ मंगवाई

नन्ही नन्ही खुशियों  को पा
तुम चहक उठो, ऐसी हमने
खुशियों से गुहार लगायी.
नन्ही नन्ही खुशियों को पा तुम चहक उठो, ऐसी हमने खुशियों से गुहार लगायी... अमिन !!! खुशियों ने भी कह डाली है आमीन!!!


Merry Christmas and a 
Very Very Happy New Year 
to my 
ZIN(dagi), 
who means a lot to me…

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लिखना कभी मेरी चाहत न थी..कोशिश की कभी जुर्रत न थी
शब्दों के कुछ फेर की कोशिश ---यूं कोई सराह गया कि
लिखना अब हमारी लत बन गयी...
-------- दो शब्द ही सही,, आपके शब्द कोई और करिश्मा दिखा जाए--- Leave your comments please.